कई क्षण मेरे जीवन में आए,
जो थे बस सुख के ही साये!
मैने पाया ना कभी सुख,
है इसका मुझको बड़ा ही दुख!
जलाता रहा हर रात मैं दीपक,
पर आया ना जीवन में सवेरा!
दुर्भाग्य है यह कैसा मेरा!
नभ की छाती पे जगमग तारे,
इक चाँद बिना है सूने सारे!
सूरज ने मुझको पथ दिखलाया
तम की नगरी से पार लाया!
चौंधिया गई रौशनी में आँखे,
फिर छाया है सामने अँधेरा!
दुर्भाग्य है यह कैसा मेरा!
इक ही मिट्टी,इक ही धूप,
इक पौधे में ही काँटा और पुष्प!
पुष्प होता देवों को अर्पण,
काँटा चीरता भ्रमरों का तन!
मेरे मार्ग में पुष्प और शूल
पर क्यों गया आज ये भूल!
ना है कुछ मेरा,ना ही तेरा,
फिर क्या है तेरा-मेरा!
दुर्भाग्य है यह कैसा मेरा!
तिनके चुन आशियां बनाता,
कश्ती में डूबता और बह जाता!
खुशहाल होता बस अपना चमन,
हरदम करता कुछ ऐसा जतन!
तूफान आता सब को ऊड़ाता,
बिखर जाता पल में डेरा!
दुर्भाग्य है यह कैसा मेरा!
संगीत की ध्वनि जो होती मुखर,
सुर में रम जाता मेरा स्वर!
जीवन का गान जो होता अधूरा,
गाकर करता मै उनको पूरा!
फरमाईश करती जो मुझसे प्रियतम,
स्वरविहीन हो जाता कंठ मेरा!
दुर्भाग्य है यह कैसा मेरा!
22 comments:
लाजवाब...प्रशंशा के लिए उपयुक्त कद्दावर शब्द कहीं से मिल गए तो दुबारा आता हूँ...अभी मेरी डिक्शनरी के सारे शब्द तो बौने लग रहे हैं...
सुंदर, सटीक और सधी हुई।
मेरे पास शब्द नहीं हैं!!!!तारीफ़ के लिए
दुख यदि बादल बन छायेंगे,
शब्द यही हम दुहरायेंगे।
सटीक चित्रों से सजी उत्तम भावाभिव्यक्ति।
मन के व्यथित से भावों का खूबसूरती से चित्रण किया है ....
बहुत ही उम्दा रचना....बहुत प्यारी
मन के भावो का सुन्दर समन्वय्।
मन के सुन्दर वेदनापूर्ण भाव व्यक्त करती पंक्तिया, बधाई
बहुत सुंदर पोस्ट
सुन्दर वेदनापूर्ण भाव व्यक्त करती, बहुत ही उम्दा रचना.
अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....
जलाता रहा हर रात मैं दीपक,
पर आया ना जीवन में सवेरा!
दुर्भाग्य है यह कैसा मेरा!
बहुत ही भावुक रचना.....
बेहतरीन प्रस्तुति .....
नभ की छाती पे जगमग तारे,इक चाँद बिना है सूने सारे!सूरज ने मुझको पथ दिखलाया तम की नगरी से पार लाया!
चौंधिया गई रौशनी में आँखे,फिर छाया है सामने अँधेरा!
अंतस को झकझोरती हुई मार्मिक रचना ....
जलाता रहा हर रात मैं दीपक,
पर आया ना जीवन में सवेरा!
दुर्भाग्य है यह कैसा मेरा!
उत्तम भावाभिव्यक्ति। बधाई....
सुंदर भाषा सुंदर शब्द संयोजन भावों का सुंदर प्रभाव. आन्नद से भर गया मन.
मन के सुन्दर वेदनापूर्ण भाव व्यक्त करती पंक्तिया| धन्यवाद|
बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति |बधाई
आशा
मन आह्लादित हुआ सशक्त रचना पढ़कर ..बहुत ही उम्दा रचना..
बहुत ही सुंदर
"सुगना फाऊंडेशन जोधपुर" "हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम" "ब्लॉग की ख़बरें" और"आज का आगरा" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को " "भगवान महावीर जयन्ति"" की बहुत बहुत शुभकामनाये !
सवाई सिंह राजपुरोहित
सुन्दर काव्याभिव्यक्ति है.
sarthak bhavon ke sath manohari kavita achhi lagi .badhayiyan
Post a Comment