Thursday, December 23, 2010

सांता क्लाज की काया

इस क्रिसमस पर फिर याद आया,
इक धुँधला धुँधला सा साया।

यादों की जुबानी, बचपन की कहानी,
उपहार लिये वो आता,
चाक्लेट्स, मिठाईयाँ देता सबको,
बस प्यार ही प्यार लुटाता,
बच्चों के मन को भाता।
लाल कमीज, सफेद दाढ़ी वाले,
सांता क्लाज की काया।

इस क्रिसमस पर फिर याद आया,
इक धुँधला धुँधला सा साया।

सांता क्लाज हम सब का प्यारा,
रुप उसका मनभावन न्यारा,

माथे पे वो हाथ फेरता,
सपनों में भी हमको छेरता,
जादुई सी लगती उसकी जादुई माया।

इस क्रिसमस पर फिर याद आया,
इक धुँधला धुँधला सा साया।

बड़े दिन की बड़ी बड़ी खुशियों से,
जब ये दिल भर जाता,
फिर से होता रात ख्वाब में,
फिर वो ही दिख जाता।

उसके साथ मै घुमू घर घर,
क्रिसमस ट्री पे चढ़ जाता,
सुबह होती माँ मुझको जगाती,
पेड़ से मै गिर जाता।

हर रोज की तरह आज सुबह भी,
माँ ने मुझे जगाया।

इस क्रिसमस पर फिर याद आया,
इक धुँधला धुँधला सा साया।

लम्बी दाढ़ी, लम्बी टोपी,
भारी भरकम गठरी,
खिलौनो और उपहारों से आज,
सज जायेगी सारी नगरी।

क्रिसमस का उपहार लिए,
जब सांता क्लाज आएँगे,
इक मदारी की भाँति वो,
सब बच्चों को नचाएँगे।

इस क्रिसमस भी बच्चों के सपनों में,
फिर सांता क्लाज आया।

इस क्रिसमस पर फिर याद आया,
इक धुँधला धुँधला सा साया।


लाल कमीजसफेद दाढ़ी वाले,
सांता क्लाज की काया।

26 comments:

संजय भास्‍कर said...

krismas ke dher sari shubkaamnaye

संजय भास्‍कर said...

bahut khoobsurt
mahnat safal hui
yu hi likhate raho tumhe padhana acha lagata hai.

kshama said...

Bachhon ke liye Santa Clause sach me ek behad anootha aakarshan rahtaa hai!

पूनम श्रीवास्तव said...

satyam ji
bahut hi pyari v-man ko bha gai aapki yah sundar
si rachna .krismas -diwas par yah aaapki post sabse bada uphar hoga sbhi ke liye.
main pahle bhi aapke blog par aai thi ,par pata nahi shayad meri hi kisi galti se vah tippni post nahi ho paai.
koi baat nahi .aaj to aapko blog par pahunch hi gai .
aur ha! mera samarthan karne ke liye aapko dil se badhi.
poonam

रश्मि प्रभा... said...

baahar khade hain santa clauz ... knock knock

Kunwar Kusumesh said...

Good poem,merry christmas.

कडुवासच said...

... bahut sundar ... shubhakaamanaayen !!!

महेन्‍द्र वर्मा said...

बहुत प्यारी कविता है...क्रिसमस की शुभकामनाएं।

Sawai Singh Rajpurohit said...

"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !

मेरी नई पोस्ट "जानिए पासपोर्ट बनवाने के लिए हर जरूरी बात" पर आपका स्वागत है

Er. सत्यम शिवम said...

aap sabhi ko "marry christmas"...........bhut bhut dhanyawaad.

कुमार राधारमण said...

लगता है,सांता के बहाने ही सही,अपने को बहुत वैज्ञानिक और आधुनिक कहने वाले ईसाइयों ने भी अदृश्य की सत्ता मानी।

ashish said...

अच्छी कल्पना . क्रिसमस की शुभकामनाये .

अनामिका की सदायें ...... said...

bahut acchhi kavita. happy chritsmas.

Patali-The-Village said...

"मेर्री क्रिसमिस" की हार्दिक शुभकामनाएँ|

शिक्षामित्र said...

आपकी कविता के बहाने मुझे भी अपना बचपन याद आया।

Swarajya karun said...

बहुत अच्छी लगी आपकी कविता . बधाई और क्रिसमस की शुभकामनाएं .

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर जी, लेकिन यह क्या आप के ब्लांग पर आते हे एक छोटी सी खिडकी खुलती हे जो तंग करती हे, कृप्या इसे बंद करे. धन्यवाद

उपेन्द्र नाथ said...

बहुत ही अच्छी कविता . मैरी क्रिसमस की आप को भी बधाई ..
फर्स्ट टेक ऑफ ओवर सुनामी : एक सच्चे हीरो की कहानी

babanpandey said...

प्रभु यीशु सबको स्वस्थ रखे /
आने वाले नए साल की बधाई

Er. सत्यम शिवम said...

sabhi dosto ko happy new year in advanced..................

केवल राम said...

शिवम् जी
आपकी कविता बहुत रोचक और अर्थपूर्ण है ...शुक्रिया

Unknown said...

आपकी कवितायें जितनी अच्छी हैं, ब्लॉग उतना ही अजीब..

राज भाटिया जी ने सही कहा है...

ये वेलकम खिड़की को हटायें...

आपका ब्लॉग का रंग भी हम जैसे बुजुर्गों के लिए आखों में चाक़ू डालने के जैसा है....

ऐसा लगता है जैसे किसी खूनी खेल में आ गए हैं....

Asha Lata Saxena said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति |बधाई
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है |पहली बार आपके ब्लॉग पर आई हूँ |
क्रिसमस पर हार्दिक शुभकामनाओं के साथ |
आशा

सदा said...

बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द रचना ।

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

शिवम् जी,
अच्छी प्रस्तुति !
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

दिगम्बर नासवा said...

अच्छी लगी आपकी रचना ... आपको क्रिसमस की बधाई ..