आज मुझसे पूँछ बैठा,
दर्पण ने ही मेरा परिचय,
कहने लगा मै जानता हूँ,
उम्र का जो फासला किया तुने तय।
मेरे नयन में तेरी छवि,
है बसी बड़ी पुरानी,
दर्पण को परिचय देना,
तो है तेरी नादानी।
तेरे नन्हे हाथ, नन्ही आँखों के,
हर ख्वाब को देखा मैने करीब,
बनते सँवरते और बिगड़ते,
वक्त के थपेड़ों पे तेरा नसीब।
तेरे वजूद का निर्माण देखा,
तेरे अरमानों का अवसान देखा,
देखा है मैने उम्र दर उम्र,
तेरी हथेली की बदलती रेखा।
तसवीर तुम्हारे बचपन के,
मस्ती का और जवानी का,
हर वो मंजर था जो आया,
जिंदगी की अल्हड़ मनमानी का।
पढ़ता रहा तेरे चेहरे को,
और तु बिन बताए सब बोल गया,
दर्पण से तु दूर रहा पर,
खुद असलियत अपनी खोल गया।
गमों के वक्त में तेरा हमराज मै,
दुनिया से दूर छुपा तेरा राज मै।
कहा तुने मुझसे दर्द दिल का,
और दिखाया जख्म अपने,
मैने किया उपचार जो,
मरहम बन गए तेरे अधूरे सपने।
आँखों में देखा जो तु इक बार,
विश्वास बढ़ा तेरा हर बार।
आज खुद को पहचान कर ही,
कैसे किया तुने,
दर्पण के परिचय से इंकार।
दुनिया को होगी जरुरत,
तेरे पहचान की,
दर्पण से परिचय तो है,
ठेस मेरे सम्मान की।
तेरा और मेरा तो,
साया और तन सा साथ है,
दोनों में हो कोई पहचान,
परिचय को,
बताओ ये कैसी बात है.......।
41 comments:
सुंदर दर्पण चिंतन
शुभकामनाएं
उत्तम प्रस्तुति. आभार...
नूतन वर्ष आपके लिये शुभ और मंगलमय हो । हार्दिक शुभकामना.
सुंदर प्रस्तुति .नूतन वर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएं ..
सुन्दर भावाव्यक्ति……नव वर्ष की शुभकामनायें।
NAYA SAAL 2011 CARD 4 U
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please open it
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/”**I**”/
/ “MISS” /
/ “*U.*” /
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“LOVE”
“*IS*”
”LIFE”
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/ “LIFE” /
/ “*IS*” /
/ “ROSE” /
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“ROSE”
“**IS**”
“beautifl”
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/”beautifl”/
/ “**IS**”/
/ “*YOU*” /
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Yad Rakhna mai ne sub se Pehle ap ko Naya Saal Card k sath Wish ki ha….
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
darpan se adhik kareebi razdaar aur kaun ho sakta hai bhlaa!
darpan se adhik kareebi raazdaar aur kaun ho sakta hai bhlaa? bahut hi sundar vichar liye kavita hai.
...................
comment likhte samay box mein mouse ke click ka sign dikhaayee nahin de raha aur
[page download hone mein samay adhik lag raha hai ..hindi transliteration bhi yahan kaam nahin kar rahi..kripya chek karen.]
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sai raam
साहित्य तो वैसे भी समाज का दर्पण कहा गया है| इस विषय पर आप के द्वारा प्रशंसनीय प्रस्तुति है ये सत्यम शिवम भाई|
दिनांक ३ से ५ जनवरी के दरम्यान ओबिओ पर तीसरे महाएवेंट का आयोजन किया गया है| आप मित्र मंडली सहित पधार कर साहित्य रस पॅयन कीजिए| ज़्यादा जानकारी के लिए लिंक्स दे रहा हूँ:-
upcoming event
http://www.openbooksonline.com/forum/topics/obo-3
past events
http://www.openbooksonline.com/forum/topics/obo-2-closed-now-1
http://www.openbooksonline.com/forum/topics/obo-1-now-close
nice
I like so much yar
... bahut sundar ... shaandaar !!
@अल्पना जी धन्यवाद.....मै आपके ब्लाग "गुनगुनाती धूप" को फालो करना चाहा ..पर कही भी समर्थन का स्थान नही दिखा....मै भी संगीत का बहुत बड़ा प्रेमी हूँ........आपका ब्लाग बहुत ही सुंदर है....
बहुत सुंदर बात कही आप ने अपनी इस कविता मे धन्यवाद
सराहनीय कविता।
दर्पण के माध्यम से आपने ज़िंदगी के एक सत्य को उजागर किया है।
सत्य से परिचय कराती कविता
कविता बहुत अच्ची लगी!
आपको नव वर्ष मंगलमय हो!
hmmmmmmm
aapkaa blog bahut hi khoobsurat lgaa..kam se kam kuch pal to main..aapke blog me gir rhii snow ko hi nihaarti rhi..jaadon ki thand me..laal prde pe girti barf...bahut hi khoobsurat lgi...........
aapki rchnaaye..ik ik kr ke skoon se prti hun
abhi drpan se prichay pri......hmm..ghaum me hamraa hamraaz....bahut hii sarthak rchnaa he aapki......aapki is rchna ke liye aapko bdhaayi........
aap sai raam ji ke bhakat hain..achi baat he....
om sai raam
aapka nya saal...mangalmay ho..shubhkaamnaayen..aapke jiwan ke liye
take care
दर्पण से संवाद अच्छा लगा ...खूबसूरत अभिव्यक्ति ...
नव वर्ष की शुभकामनायें
धन्यवाद...आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...आभार।
सबका मन दर्पण हि तो है ,ये खुद से संवाद बहुत सुन्दर है ।
नव वर्ष मंगलमय हो .......
प्रशंसनीय प्रस्तुति
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।
सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥
सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित हों
सर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥
सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!
सदाचार - मंगलकामना!
बहुत अच्छी पोस्ट बधाई |नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
आशा
आपको तथा आपके परिवार के सभी जनों को वर्ष २०११ मंगलमय,सुखद तथा उन्नत्तिकारक हो.
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
सत्यम जी दर्पण ने जो पूँछा
उसका जवाब तो बखूबी दिया आपने .....
नववर्ष की शुभकामनाएं आपको .....
HAPPY NEW YEAR 2011
WISH YOU & YOUR FAMILY,
ENJOY,
PEACE & PROSPEROUS
EVERY MOMENT SUCCESSFUL
IN YOUR LIFE.
@ सत्यम ,
आप मेरा ब्लॉग गुनगुनाती धूप फोलो कर सकते हैं .अपने डेशबोर्ड पर जाएँ और वहाँ आप के पसंदीदा ब्लोगों की लिस्ट वाले बॉक्स के नीचे बाएं हाथ पर दो बटन हैं --एक 'जोड़ें ' है दूसरा 'प्रबंधन करें [मेनेज] ... पहले बटन ''जोड़ें '' में में जो भी ब्लॉग आप फोलो करना चाहें उसका 'यू आर एल 'लिख कर जोड़ सकते हैं .
.....
मैं ने उस ब्लॉग पर फोलो विजेट नहीं लगाया हुआ है ,आप को असुविधा हुई उसके लिए खेद है.
ब्लॉग पसंद आया ..इसके लिए खुशी.
...........................
साई राम.
bahut achchi lagi.
आपका ब्लॉग देख कर प्रसन्नता हुई।
कविता बहुत सुन्दर और भावपूर्ण है। बधाई।
आपको नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं !
यह नव वर्ष आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्रदान करे ।
कविता बहुत सुन्दर और भावपूर्ण है। बधाई।
नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएँ|
सत्यम जी आपकी रचना भी अच्छी लगी..ब्लॉग भी सुन्दर है.. बधाई ..और आपकी इस सुन्दर रचना के नीचे मै आपको नववर्ष की शुभकामनाये दे रही हूँ .. आपको परिवार सहित नववर्ष खुशियाँ और अच्छा स्वस्थ लाए .. मंगलकामनाएं ...
दर्पण का परिचय मान लें तो अपना परिचय खो जायेगा।
अति सुन्दर अभिव्यक्ति...
सच है सत्यम जी ... दर्पण से कुछ छुपा नहीं होता ... मूक साथी है वो हर समय का ....
आपको और आपके पूरे परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ...
बहुत ख़ूब। रचना बहुत पसंद आई।
आपको नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ।
रचना अच्छी लगी। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
बड़ा ही जानलेवा है
उम्दा लेख आप को नए साल की मुबारकवाद
बहुत सुंदर....
Bahut sunder post
बहुत ही सुन्दर शब्दों के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
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