हे प्रियतमा! इक बात कहो,
तुम ये पावन प्यार भूल जाओगी,
अश्रु नैन से जिन्हें सिंचते थे,
उन नैनों को क्या समझाओगी।
दो नयन जो कब से प्रतिक्षा में खड़े थे,
उन नैनों को कैसे बहलाओगी,
सावन का बादल बरसेगा,
प्यार उस प्यास को तरसेगा,
ह्रदय व्याकुल हो जायेगा,
गीत वही फिर गायेगा,
कैसे उन लम्हों को भूल पाओगी?
हे प्रियतमा! इक बात कहो,
तुम ये पावन प्यार भूल जाओगी।
पता है यह प्रश्न थोड़ा,
उर को रुलाने वाला है,
नैनों में बसी तेरी छवि को,
कभी ना भूलाने वाला है।
पर याद आयेगी जब मेरी,
क्या खुद को रोक पाओगी,
अपने दिल को कैसे दिलासा दिलाओगी?
हे प्रियतमा! इक बात कहो,
तुम ये पावन प्यार भूल जाओगी।
मुझसे जो तुमने कह दिया,
मेरे दिल को झुठा दिलासा दिया,
मेरे साथ जीवन गुजारोगी,
पर आज तुमने ये क्या किया।
माना मुझे भूल जाओगी,
यादों को कैसे बिसराओगी,
दूर जा के भी मेरी जिंदगी से,
मेरे ख्वाबों में रोज आओगी।
हे प्रियतमा! इक बात कहो,
तुम ये पावन प्यार भूल जाओगी।
मेरी तो कुछ ऐसी उलझन है,
जो तुमसे मै ना कह सका,
पर कैसे कहूँ तेरे बिन तो मै,
इक पल भी ना रह सका।
तुम तो हमारे प्यार की बगिया,
में फूलों के संग हो,
लेकिन मै अपनी क्या कहूँ,
जो अपनी बेवजह बरसती,
आँसूओं से ही दंग है।
तेरे लिए तो पतवार था मै,
अब खुद किनारा ढ़ुँढ़ पाओगी।
हे प्रियतमा! इक बात कहो,
तुम ये पावन प्यार भूल जाओगी।
इंतजार मैने तेरा बहुत किया,
पर जब तु मुझको मिल गयी,
मेरी नियती ही शायद ऐसी है,
तु मेरी परायी सी बन गयी।
बस दो दिन का प्यार जवाँ,
दिल में बसाएँ जी लूँगा,
तुम ना आओगी अब कभी,
ये बात खुद से कह लूँगा।
पर ये बताओ क्या तुम भी,
मेरे लिए इंतजार कर पाओगी,
दो नयन जो कब से प्रतिक्षा में खड़े थे,
इन नैनों को कैसे बहलाओगी?
हे प्रियतमा! इक बात कहो,
तुम ये पावन प्यार भूल जाओगी।
12 comments:
बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...
स्तरीय प्रेम कविता।
शायद प्यार नहीं भुला जाएगा //
beautiful composition
achhi lagi rachna ,badhai
shivam ji
bahut hi khoobsurti ke saath apne dard ko dabaye pyaar ka ijhaar kiya hai aapne.
bahut hi pasnd aaya aapka yah anuth tareeka.
pyaar me bhi kabhi haar kabhi jeet to hoti hi hai jo apni manjil pa jaata hai samjhiye vahi bhagy-shali hota hai.
poonam
दिल से लिखी हुई भावपुर्ण रचना।
बहुत सुंदर जी धन्यवाद
सुंदर मनोभाव संजोये रचना ......
बहुत सुंदर शिवम भाई, मन मुदित हो गया। शुक्रिया।
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समाधि द्वारा सिद्ध ज्ञान।
प्राक़तिक हलचलों के विशेषज्ञ पशु-पक्षी।
खूबसूरत भावाभिवयक्त
शिवम ,
आपका काव्य सत्यम शिवम सुंदरम् है । रसबतिया में आपका स्वागत है । रसबतिया का रसिक बनने के लिए धन्यवाद ।
आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद।
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