मेरे आंगन में मुरझाते हुये तुलसी पौधे को समर्पित......
एक पौधा तुलसी का,
आँगन में मेरे।
प्रार्थना,आराधना करता रहा है।
सुख के क्षण में प्राण वायु दान बन,
क्लेश में संताप से मरता रहा है।
अपने जड़ में वह छुपाये,
शांति और स्नेह धारा,
तीव्रतम वायु ने छीना,
तरु से जब पत्र सारा।
करुण पीड़ा भी सहा वो,
वृक्ष वट का बन बड़ा सा,
दे रहा बस नया जीवन,
हरित देव फिर है हारा।
मृत्यु की सीमा पे भी,
वह दौड़,दौड़,
जिंदगी की खातिर लड़ता रहा है।
एक पौधा तुलसी का,
आँगन में मेरे।
प्रार्थना,आराधना करता रहा है।
मँजरी से लद गया था तन सुकोमल,
देव को होता था अर्पित जब तुलसी दल,
वरण जिसका खुद किये थे ईश विष्णु,
तरु वह खोता रहा है निश दिन स्व बल।
कर रहा था खुद में संचित,
पुण्य का प्रकाश हर क्षण,
सू्र्य का अवतार वो ही,
तम से अब डरता रहा है।
एक पौधा तुलसी का,
आँगन में मेरे।
प्रार्थना,आराधना करता रहा है।
तितलियों का क्रीड़ा साथी,
मेरे घर का बुजुर्ग था वो,
छोटे बच्चों का खिलौना,
बूढ़ों का हमदर्द था वो।
उसकी रंगत में है दिखती,
मेरी माँ की बस दुआयें,
अर्घ्य स्नेह का,नेह का,
हर चोट का मेरे उपाय।
जाने से उसके गया है,
वैद्य घर का एक पुराना,
पल में जो हर दर्द मेरा,
हर घड़ी हरता रहा है।
एक पौधा तुलसी का,
आँगन में मेरे।
प्रार्थना,आराधना करता रहा है।
13 comments:
वाह वाह वाह!!! सत्यम जी बहुत ही सुंदर भाव संयोजन एवं बेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति....शुभकामनायें
वाह ...बहुत ही अच्छा लिखा है आपने
अनुपम भाव संयोजन लिए उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।
Wah! Bahut sundar!
जाने से उसके गया है,वैध घर का एक पुराना,
पल में जो हर दर्द मेरा,हर घड़ी हरता रहा है।
एक पौधा तुलसी का,आँगन में मेरे।
प्रार्थना,आराधना करता रहा है।
बहुत सुंदर और भावमयी अछूती सी कविता के लिये बहुत बहुत बधाई!
सुन्दर..
प्यारी सी अभिव्यक्ति के लिए बधाई सत्यम.
ना मुरझाये तुलसी का पौधा...
सुन्दर रचना...
सादर.
अर्घ्य स्नेह का,नेह का,
हर चोट का मेरे उपाय।
जाने से उसके गया है,
वैद्य घर का एक पुराना,
पल में जो हर दर्द मेरा,
हर घड़ी हरता रहा है।
एक पौधा तुलसी का,
आँगन में मेरे।
प्रार्थना,आराधना करता रहा है।
सुन्दर रचना .सारांश समेटे जीवन का आश्था का .
अनुपम , शब्दों का भावुक चयन बधाई सत्यम जी
सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति |
आशा
waah , bahut gajab ka likha hai aapne, mere gher me bhi ek Tulsi ka paudha hai ,
behtreen bahvsanyojan ke saath behteen prastuti
बहुत खूबसूरत रचना |
भाव -भरी रचना हार्दिक बधाई .........
सुंदर शब्दों का चयन ,सुन्दर भाव अभिवयक्ति है आपकी इस रचना में
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