मैने तुमसे प्यार किया था,
तुमने क्यों प्रतिकार किया था?
प्रकृति के रस-रंग मनोहर,
लाया था चुन-चुन कर प्रतिपल,
प्यार की सीमा,भाव का सागर,
हमदोनों ने पार किया था।
मैने तुमसे प्यार किया था।
सदियों से तेरी खातिर आया,
पर प्यार तुम्हारा क्यों ना पाया?
निर्झर सा बहता मै कल-कल,
इक प्यार तुम्हारा मिले जो इक पल,
ना सोया था,ना जाग सका,
बस तेरा इंतजार किया था।
मैने तुमसे प्यार किया था।
वो पर्वत ऊँचा,बहती नदी,
सारी धरती थी सजी सजी,
हमदोनों बागों में घूमे,
पनघट पे तू मुझको चूमे।
कब से था जग में एकांत,अकेला,
तुमने प्रिय बाहों का हार दिया था।
मैने तुमसे प्यार किया था।
मतवाला बेताब सा दिल मै,
तेरी चाहत की चौखट पर,
दिल हल्का होता था बस,
काँधे पे तेरे सर रख कर।
बंजारा था इस जग में जब,
तुमने ही संसार दिया था।
मैने तुमसे प्यार किया था।
लगन लगी जब से तेरी मन को,
ना भूख,ना प्यास लगे मेरे तन को,
प्यासी है नैना तेरी दरश जो पाये,
मेरा प्रियतम कभी नजर तो आये।
अधरों से रस पी प्यास बुझाता,
तुमने तो सब कुछ वार दिया था।
मैने तुमसे प्यार किया था।
तुम थी राधा,मै था कान्हा,
है पता मुझे,सबने जाना,
मै राम था,तुम सीता थी प्रिय,
कब से है अपना आना-जाना।
बंशी मै ही बजाता था,
प्यार के मधु-धुन सुनाता था,
हमदोनों ने ही कभी,कही प्रिय,
प्यार के श्रृँगार को आधार दिया था।
मैने तुमसे प्यार किया था।
23 comments:
प्रेम रस से सराबोर बहुत ही सुन्दर रचना दिल मे उतर गयी।
वाह जी प्रेम का इजहार करती आप की सुंदर रचना, धन्यवाद
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (28-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
Beautiful creation !
...प्यारा प्रेम गीत।
sunder rachna
Bahut,bahut sundar rachana!
आपकी इस प्रेम भरी कविता ने कुछ
गुनगुनाने को बाध्य किया है --
होटों से छू लो तुम,
मेरा गीत अमर कर दो !
प्रेम की कठिन समझ हैं।
सुन्दर और भावपूर्ण प्रेम गीत.....बधाई।
बहुत ही सुन्दर भावमय करती शब्द रचना ....।
बहुत भावपूर्ण...बहुत सुन्दर
क्या बात है...
बहुत खूब...
लाजवाब....
बहुत अच्छी लगी आपकी कविता . बधाई.
सत्यम शिवम जी,
मनोभावों को खूबसूरती से पिरोया है। एक बार और.... बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएं !
श्रृंगार रस में पगी एक बहुत ही भावपूर्ण रचना ! अति सुन्दर ! बधाई एवं शुभकामनायें !
maine tumhe pyar kiya tha
tumne kyon pratikaar kiya tha..:)
sach me prem ki badi pyari samajh hai:!
श्रृंगार रस से सराबोर बहुत ही सुन्दर रचना! बधाई
http://shiva12877.blogspot.com
आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत बढ़िया लिखा है दोस्त-आपकी इस पोस्ट का लिंक यहाँ भी है
प्रेम रस में डूबी बहुत प्यारी रचना....
प्रिय बंधुवर सत्यम शिवम जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
बहुत सुंदर और भावप्रवण गीत है …
निर्झर सा बहता मै कल-कल,
इक प्यार तुम्हारा मिले जो इक पल,
ना सोया था,ना जाग सका,
बस तेरा इंतजार किया था।
मैने तुमसे प्यार किया था।
एक बार पुनः अच्छे गीत के लिए
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण कविता !
श्रृंगार रस की सुंदर भावपूर्ण रचना .......बधाई।
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