तुम्हारी आँखों में खो गये है,
मेरे दिल के अरमान सारे,
कही डूब न जाऊँ इनमें,
कर दो तुम,मुझको किनारे।
पलकों पर तेरे रहने की तमन्ना,
होंठों पर टिकी इक चाहत,
अपने दिल के कोने में कही,
सुनता हूँ तेरे कदमों की आहट।
अब इक गुजारिश तुमसे है,
मुझको ना कभी तुम बिसराना,
तुम छोड़ अकेली दुनिया में,
नहीं दूर जमाने से जाना।
क्योंकि है तुमसे प्यार बहुत,
ये कैसे मै तुमको बतलाऊँ,
संगीत की देवी तेरी खातिर,
मै कैसे कोई गीत बनाऊँ?
हम तो खुद से ही है हारे,
गम भी तो लगते है प्यारे,
तेरी चौखट की आस तके,
मेरे ये नैन हुए मतवाले।
तुम्हारी आँखों में खो गये है,
मेरे दिल के अरमान सारे।
15 comments:
कोमल भावों से सजी ..
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
Nihayat sundar rachana.Behad komal-si,nafees!
तुम्हारी आँखों में खो गये है,
मेरे दिल के अरमान सारे,
कही डूब न जाऊँ इनमें,
कर दो तुम,मुझको किनारे।
भावनाओं का बहुत सुंदर चित्रण . ...बधाई
प्रेम के रंगो से रंगी रचना।
प्रभावी अभिव्यक्ति.....
कोमल एहसास.......
सुन्दर रचना.........
स्वप्न हमारे, तेरी आँखें।
सत्यम जी,
बहुत अच्छे से अपनी बात कही है......
अपने दिल के कोने में कही,
सुनता हूँ तेरे कदमों की आहट।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
नोट : आपके ब्लॉग पर कुछ टिप्पणी देना मेरे लिये न जाने क्यों टेढी खीर की तरह ही है। कोई जावा की त्रुटि की वज़ह से अक्सर विंडो ओपन ही नही होती है और आपने ईमेल पता भी नही दिया है जो अपनी बात आप तक पहुँचायी जा सके। धन्यवाद!
Bahut sunder bahv....
अति सुंदर रचना, धन्यवाद
bahut sundar bhav...aabhar
अनुराग के रंग में डूबी बेहतरीन रचना ! बहुत सुन्दर ! बधाई एवं शुभकामनायें !
प्रेम-भरी सुन्दर रचना
बहुत खूब.
दिल को छू गयी आपकी कविता.
हम तो खुद से ही है हारे,गम भी तो लगते है प्यारे,
तेरी चौखट की आस तके,मेरे ये नैन हुए मतवाले।
तुम्हारी आँखों में खो गये है,मेरे दिल के अरमान सारे। bhut sunad likha aapne....likhte rahiye...or hum padhte rahrnge....badhai
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