शिवजी को श्री राम है प्यारे,
प्रभु राम के शिव है न्यारे,
दोनों के संगम ही तो है,
साई हमारे शिव-साई है,
साई हमारे साई-राम,
शिरडी की पावन भूमि है,
हमारे लिए साई धाम।
हर कष्टों का एक ही साथी,
साई नाम,साई राम....।
नानक की मुस्कान है मुख पर,
शाने मुहम्मद की शान है तुझ पर,
साई है गोकुल का कन्हैया,
ये ही तो है दुर्गा मईया।
इसके हाथ में है सब की चाभी,
पार करेगा हम सब की नईया।
हर नौका का एक खेवैया,
साई नाम,साई राम....।
कलियुग में बस साई हमारे,
दूर करेंगे हर अँधियारे,
जात-पात का भेद भुला के,
सब आते है इनके द्वारे।
ये तो है शिव से मतवाले,
भोले-भाले,जग को पाले।
करुणा के सागर है साई,
हम बच्चों की ममतामयी माई।
हर अँधियारा दूर करेंगे,
साई नाम,साई राम....।
साई तो है दीन-दयाल,
रखते है हम सब का ख्याल।
हाथ पकड़ कर पार कराते,
जीवन में नयी राह दिखाते,
हर कष्टों को दूर भगाते,
राहों में खुशियाँ बिखराते।
दीन,दुखियों को जिसने पाला,
हम सब का बस एक सहारा।
साई नाम,साई राम....।
साई की कृपा अनंत है भक्तों,
साई दया अनमोल,
सब कुछ पा लोगे तुम इस जग में,
बस अंदर की आँख को खोल।
साई साथ है हर पल इसका नहीं है मोल,
अब मन रट ले हर पल मुख से साई बोल।
हर पल ये कह डोल,
साई नाम,साई राम....।
साई सुधा की बूँद को प्यासा,
बाबा रखो तुम ध्यान जरा सा।
रोम-रोम बस साई बोले,
साई चरण में अब नेह लगा के,
जग से अपना नाता तोड़े,
बाबा की भक्ति में खो के,
साई राम से रिश्ता जोड़े।
हर पल बस ये मुख अब बोले,
साई नाम,साई राम....।
कष्टों में जब भी साई पुकारा,
साई ने पल में दुख से उबारा,
हर पल साई साथ हमारे,
ऐसा है विश्वास हमारा।
जब भी दुख से ये मन हारे,
साई ने पल में है सम्भाला,
पापी जगत के हम पापी सारे,
साई ने सब को है तारा।
साई भक्तों का है ये नारा,
साई नाम,साई राम....।
दिल भर जाता है अब मेरा,
आँखों में आँसू आ जाता,
इस जग में था कितना अकेला,
साई जो मेरे साथ न आता।
हर दम मै बस ये गाता,
साई कृपा की कथा सुनाता,
साई है जीवन का सवेरा,
अँधियारी जो दूर भगाता।
कष्टों में डुब जाता बेड़ा,
साई जो ना पार लगाता।
साई जग का साक्षात विधाता,
दया की बारिश मुझपे बरसाता,
मेरा तुझसे ये कैसा नाता,
हर दम मै बस ये ही गाता,
साई नाम,साई राम....।
14 comments:
Ye wishwaas hee to hai jo bhavsagar paar lagata hai!
bahut bhav poorn likha hai
भावपूर्ण ...बाबा को नमन
भक्ति और विश्वास से ही निर्वाण है।
साईं की महिमा अनन्त हैं,बहुत सुन्दर लिखा है,बाबा तो सब कुछ है,ऐसा दाता तो हमने देखा ही नहीं है,ये हमारे शिव,राम,सबकुछ तो है,इनके रहते कैसी चिन्ता।..जय साईं राम।
साई चरण में अब नेह लगा के,
जग से अपना नाता तोड़े,
बाबा की भक्ति में खो के,
साई राम से रिश्ता जोड़े।
हर पल बस ये मुख अब बोले,
साई नाम,साई राम....।
साई को नमन....
अति सुन्दर भक्ति गीत के लिए आपकी लेखनी को भी नमन.
बहुत सुंदर
ओम साईं, श्री साईं जय जय साईं।
भक्तिपूर्ण सुन्दर वंदना ..जय साईं राम ओह्म साईं राम ...
teri murat rahe mann me - om sai ram
आपकी किसी पोस्ट की चर्चा शनिवार (09-07-11 )को नयी-पुरानी हलचल पर होगी |कृपया आयें और अपने बहुमूल्य सुझावों से ,विचारों से हमें अवगत कराएँ ...!!
om sai ram
jai jai sai dost ji sundar geet :)
jai jai sai dost ji sundar geet :)
ekdam dil se nikli hui prarthna hai....bahut sunder.
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