इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!
बहती है फिर भी मंद पवन,
उन्मुक्त है फिर भी आज गगन,
सरिता की कल-कल की मधुर-ध्वनि,
सुनते होंगे प्रिय कर्ण तुम्हारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!
खुशियाँ तो अब भी आती होगी,
हर शाम कोई गीत सुनाती होगी,
मदमास की सुहानी भोर में,
कोयल इक गीत तो गाती होगी!
फिर व्याकुल नैन अधीर होकर,
बस राह तके दिन-रैन निहारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!
मुझको कोई ऐसे पुकारे,
गाने लगे अनगिनत तारे,
है इक उदासी छायी तु जा,
इस बार ना अपनों को बिसरा!
पर जीवन के उस दूर सफर से,
चाह कर भी ना लौटे पाँव हमारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!
वो पल जो कल है बीत गये,
न जाने कितने मीत गये,
अब साथ है कई चेहरे नये,
पर यादे हर क्षण टीस रहे!
जीवन में सबकुछ जीत के हम,
बस आज इक पल में हारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!
विवशता बनी मेरी लाचारी,
इच्छा,आकांक्षाए भी है हारी,
मग में कोई मुझको रोक गया,
उर में पैदा इक शोक नया!
घुटती है रह-रह प्राण-श्वास,
जम से गए है नसों में लहु सारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!
तुम्हे भेज रहा हूँ इक स्पर्श,
मेरे साथ होने का अनूठा हर्ष,
इक दर्पण दिल के तसवीरों का,
यादों के मोती-हीरों का!
इक गीत भी मै अब गाता हूँ,
सुन कर तारीफ में कुछ कहना,
तुमसे फिर दूर कही जाता हूँ,
फिर से अकेली ही तुम रहना!
मै तेरे पास ना आ सका तो क्या,
तेरे पास जायेंगे मेरे गीत प्यारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!
21 comments:
शब्दों के सुंदर मोतियों से पिरोयी प्रेम पथिक की माला! अनुपम भाव!
]तुम्हे भेज रहा हूँ इक स्पर्श,मेरे साथ होने का अनूठा हर्ष,इक दर्पण दिल के तसवीरों का,यादों के मोती-हीरों का!इक गीत भी मै अब गाता हूँ,सुन कर तारीफ में कुछ कहना,तुमसे फिर दूर कही जाता हूँ,फिर से अकेली ही तुम रहना!
मै तेरे पास ना आ सका तो क्या,तेरे पास जायेंगे मेरे गीत प्यारे!इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!bahut hi bemisaal rachanaa.dil ko choo gai.badhaai aapko.
मन के कोमल भावों से रची सुन्दर रचना
सुन्दर नये प्रतीकों वाली सुन्दर रचना । बधाई ।
बहुत ही खूबसूरत रचना, आपकी लेखनी बहुत कम लफ्जों में बहुत बड़ी बात कह जाती है|
सब सुन्दर है,
क्या अन्दर है,
जो लगता खोया खोया सा,
कैसी उलझन, सहना कैसा।
bahut sundar geet....
मन के कोमल भावों को उजागर करती सुन्दर रचना ....
bahut bahut komal aur meethe bhaavon se susajjit kavita.ati sunder.aabhar.
वो पल जो कल है बीत गये,न जाने कितने मीत गये,अब साथ है कई चेहरे नये,पर यादे हर क्षण टीस रहे!जीवन में सबकुछ जीत के हम,बस आज इक पल में हारे!इस बार नहीं मै पास तुम्हारे... bahut achhi rachna
काश कि ये अभिलाषा पूरे होती !
कम से कम "वो"एक बार आयी तो होती !!
देखने कि दीवाने का हाल कैसा है...!!
बहुत सुन्दर...!
मै तेरे पास ना आ सका तो क्या,
तेरे पास जायेंगे मेरे गीत प्यारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!
बहुत सुंदर पंक्तियाँ ..... प्रभावी अभिव्यक्ति
bahut sundar rachana ..
hardik badhai...
sadar
laxmi narayan lahare
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 24 - 05 - 2011
को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
साप्ताहिक काव्य मंच --- चर्चामंच
umda sparsh samvedana ka ,mohak laga .
shukriya
इस बार नहीं मैं प्रिय पास तुम्हरे ...
मगर सुन्दर गीतों ने इस दूरी को पाट दिया जैसे कालिदास ने मेघदूत को पठाया !
खूबसूरत गीत !
बहुत ही अच्छा लिखा है ... ।
इस बार नहीं मैं पास तुम्हारे,
बहुत सुंदर भाव
बहुत ही बेहतरीन
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
मै तेरे पास ना आ सका तो क्या,
तेरे पास जायेंगे मेरे गीत प्यारे!
गीत सशक्त माध्यम है अभिव्यक्ति का
मित्रों चर्चा मंच के, देखो पन्ने खोल |
आओ धक्का मार के, महंगा है पेट्रोल ||
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बुधवारीय चर्चा मंच ।
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