Saturday, May 21, 2011

इस बार नहीं मै पास तुम्हारे

इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!

बहती है फिर भी मंद पवन,
उन्मुक्त है फिर भी आज गगन,
सरिता की कल-कल की मधुर-ध्वनि,
सुनते होंगे प्रिय कर्ण तुम्हारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!
खुशियाँ तो अब भी आती होगी,
हर शाम कोई गीत सुनाती होगी,
मदमास की सुहानी भोर में,
कोयल इक गीत तो गाती होगी!
फिर व्याकुल नैन अधीर होकर,
बस राह तके दिन-रैन निहारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!

मुझको कोई ऐसे पुकारे,
गाने लगे अनगिनत तारे,
है इक उदासी छायी तु जा,
इस बार ना अपनों को बिसरा!
पर जीवन के उस दूर सफर से,
चाह कर भी ना लौटे पाँव हमारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!

वो पल जो कल है बीत गये,
न जाने कितने मीत गये,
अब साथ है कई चेहरे नये,
पर यादे हर क्षण टीस रहे!
जीवन में सबकुछ जीत के हम,
बस आज इक पल में हारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!

विवशता बनी मेरी लाचारी,
इच्छा,आकांक्षाए भी है हारी,
मग में कोई मुझको रोक गया,
उर में पैदा इक शोक नया!
घुटती है रह-रह प्राण-श्वास,
जम से गए है नसों में लहु सारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!
तुम्हे भेज रहा हूँ इक स्पर्श,
मेरे साथ होने का अनूठा हर्ष,
इक दर्पण दिल के तसवीरों का,
यादों के मोती-हीरों का!
इक गीत भी मै अब गाता हूँ,
सुन कर तारीफ में कुछ कहना,
तुमसे फिर दूर कही जाता हूँ,
फिर से अकेली ही तुम रहना!

मै तेरे पास ना आ सका तो क्या,
तेरे पास जायेंगे मेरे गीत प्यारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!

21 comments:

Anita said...

शब्दों के सुंदर मोतियों से पिरोयी प्रेम पथिक की माला! अनुपम भाव!

prerna argal said...

]तुम्हे भेज रहा हूँ इक स्पर्श,मेरे साथ होने का अनूठा हर्ष,इक दर्पण दिल के तसवीरों का,यादों के मोती-हीरों का!इक गीत भी मै अब गाता हूँ,सुन कर तारीफ में कुछ कहना,तुमसे फिर दूर कही जाता हूँ,फिर से अकेली ही तुम रहना!
मै तेरे पास ना आ सका तो क्या,तेरे पास जायेंगे मेरे गीत प्यारे!इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!bahut hi bemisaal rachanaa.dil ko choo gai.badhaai aapko.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

मन के कोमल भावों से रची सुन्दर रचना

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर नये प्रतीकों वाली सुन्दर रचना । बधाई ।

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही खूबसूरत रचना, आपकी लेखनी बहुत कम लफ्जों में बहुत बड़ी बात कह जाती है|

प्रवीण पाण्डेय said...

सब सुन्दर है,
क्या अन्दर है,
जो लगता खोया खोया सा,
कैसी उलझन, सहना कैसा।

Manav Mehta 'मन' said...

bahut sundar geet....

संध्या शर्मा said...

मन के कोमल भावों को उजागर करती सुन्दर रचना ....

Rajesh Kumari said...

bahut bahut komal aur meethe bhaavon se susajjit kavita.ati sunder.aabhar.

रश्मि प्रभा... said...

वो पल जो कल है बीत गये,न जाने कितने मीत गये,अब साथ है कई चेहरे नये,पर यादे हर क्षण टीस रहे!जीवन में सबकुछ जीत के हम,बस आज इक पल में हारे!इस बार नहीं मै पास तुम्हारे... bahut achhi rachna

***Punam*** said...

काश कि ये अभिलाषा पूरे होती !
कम से कम "वो"एक बार आयी तो होती !!
देखने कि दीवाने का हाल कैसा है...!!


बहुत सुन्दर...!

डॉ. मोनिका शर्मा said...

मै तेरे पास ना आ सका तो क्या,
तेरे पास जायेंगे मेरे गीत प्यारे!
इस बार नहीं मै पास तुम्हारे!

बहुत सुंदर पंक्तियाँ ..... प्रभावी अभिव्यक्ति

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल " said...

bahut sundar rachana ..
hardik badhai...
sadar
laxmi narayan lahare

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 24 - 05 - 2011
को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

साप्ताहिक काव्य मंच --- चर्चामंच

udaya veer singh said...

umda sparsh samvedana ka ,mohak laga .
shukriya

वाणी गीत said...

इस बार नहीं मैं प्रिय पास तुम्हरे ...
मगर सुन्दर गीतों ने इस दूरी को पाट दिया जैसे कालिदास ने मेघदूत को पठाया !
खूबसूरत गीत !

सदा said...

बहुत ही अच्‍छा लिखा है ... ।

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

इस बार नहीं मैं पास तुम्हारे,

बहुत सुंदर भाव

Vivek Jain said...

बहुत ही बेहतरीन
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

M VERMA said...

मै तेरे पास ना आ सका तो क्या,
तेरे पास जायेंगे मेरे गीत प्यारे!
गीत सशक्त माध्यम है अभिव्यक्ति का

रविकर said...

मित्रों चर्चा मंच के, देखो पन्ने खोल |
आओ धक्का मार के, महंगा है पेट्रोल ||
--
बुधवारीय चर्चा मंच