इंतजार में तेरे जाने ये कैसा गम है,
दो पल का सफर भी क्या सदियों से कम है?
तेरे आने की खुशी में ये आँख आज नम है,
तेरा दर्द भी क्या किसी खुशी से कम है?
मेरे दिल में आज बारात है यादों की,
बस दुल्हन की कमी है,
ये रात है तेरे वादों की।
उल्फत की ये कोई शाम नहीं,
मेरे हाथ में अब कोई जाम नहीं।
तेरे प्यार में वो पल पाया है,
जो मोहब्बत है अब वो बेनाम नहीं।
परियाँ भी यूँ शर्माती है,
जैसे वो तुझसे ही पाती है,
तेरी खुबसूरती ही ये दिखाती है,
दिल में फिर तेरी यादों की बदली छा जाती है।
जन्नत की तू कोई हूर है या,
तू है कही की अप्सरा।
मेरे इस चंचल मन में,
जाने क्यों करती है अठखेलियाँ?
तेरी आँखों में ये जो नूर है,
वो ही तेरा गुरुर है,
होंठों के ये जो रस गिरे,
गुलाब की पँखुड़ियों में है मिले।
जुल्फों की ये जो घटाएँ है,
खुबसूरती की ये बलाएँ है,
बाहों के ये जो घेरे है,
सागर के ये हिंडोले है।
चेहरा तेरा कोई किताब है,
आँखों में कोई ख्वाब है।
चाँद भी इतराता है,
तुम्हें देखने को रोज छत पे आता है।
तेरे नूर में वो भींग जाता है,
अपनी चाँदनी में ही कही दूर खो जाता है।
जब मै ये सोचता हूँ,
खुद को खुदकिस्मत पाता हूँ।
मेरी प्यार है तू,मेरे साथ है तू,
मेरे दिल के कितने पास है तू।
सुंदरता की देवी तू है कहाँ,
मन में बसी तेरी मूरत दिल में है यहाँ।
स्वप्नलोक की किसी स्वप्ननगरी सी,
मेरी जिन्दगी में आयी परी सी।
इंतजार है तेरा पल पल मुझे,
क्यों प्यार है मुझे हुआ तुझसे?
एहसास दिल में कैसा ये उठ जाता है,
तुझे देखते ही तुझे पाने को ये क्यों चिल्लाता है?
14 comments:
bade hi mood me dil si likhi rachna lagti hai...badhayee ho...
aise hi kuchh bhav aap is blog par paayenge:
http://teri-galatfahmi.blogspot.com/
अंतर्मन को उद्देलित करती पंक्तियाँ, बधाई
भावों की मनोहारी फुहार।
Bahut Sunder Bhav...
हर पंक्ति में गहन भावों का समावेश,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
bhavprabal rachna .
shubhkamnayen.
बहुत ही सुन्दर भावाभिवय्क्ति.....
बहुत सुन्दर...
इन्तजार और यादे ..बस जिंदगी के दो ही संबल होते है .. इन्ही के सहारे जिंदगी कट जाती है ...
बहुत ही सुद्नर रचना .. दिल से बधाई ..
आभार
विजय
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कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html
thoughtful meaningful Brilliant use of words
satyam bhai, poem are always deep.I'm really impressed!
आन्तरिक भावों के सहज प्रवाहमय सुन्दर रचना....
बहुत ही सुद्नर रचना ..सहज सुन्दर भाव...
बहुत ही सुन्दर भावाभिवय्क्ति.....
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