मेरी आवाज में इस गीत के कुछ अंश....
बिलख,बिलख के,
सिसक,सिसक के,
आँसू बहाती है,
कान्हा,जब तेरी याद आती है।
तरस,तरस के,
बरस,बरस के,
पीड़ा भूलाती है,
कान्हा,जब तेरी याद आती है।
रास बिना ये जीवन फीका लगता है,
साँस बिना हर साज अधूरा सजता है।
राह तुम्हारे देख दिन कब रैन हुई,
यमुना तीरे बैठ अकेली गाती है।
कान्हा,जब तेरी याद आती है।
ढ़ूँढ़,ढ़ूँढ़ परेशान हो गयी नैन बेचारी,
आ जाओ नटखट करो फिर लीला न्यारी।
तरस गये ये कर्ण सुनने को मधुर,रसीली,
तेरे मनमोहक मुरली की तान निराली।
दरश दिखा दो कान्हा अब बड़ी देर हुई,
पल-पल बुझती स्नेह लग्न की बाती है।
कान्हा,जब तेरी याद आती है।
प्रियतम मेरे सखा लाज अब रख लो तुम,
मै हूँ सुदामा निर्धनता से हो रहा गुम।
धन,दौलत की चाह नहीं है प्रभु मुझे,
मन को स्वच्छ,स्नेहमय कर दो,
दे दो सच्चा धन।
चुन-चुन कर हर रोज बाग से पुष्प ये राधा,
गूँथ-गूँथ फूलों की माला सजाती है।
कान्हा,जब तेरी याद आती है।
काली,घनघोर तम की बदली छायी है,
दुष्ट कंस के अंत की घड़ी फिर आयी है।
एक कंस अब कलियुग में बस नहीं रहा,
हर इंसान में कंस की काया समायी है।
तोड़ दो रणछोड़ समर का हर प्रपंच,
दुख से पीड़ित भक्तों की टोली बुलाती है।
कान्हा,जब तेरी याद आती है।
"श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ....."
"श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ....."
14 comments:
एक कंस अब कलियुग में बस नहीं रहा,
हर इंसान में कंस की काया समायी है।
तोड़ दो रणछोड़ समर का हर प्रपंच,
दुख से पीड़ीत भक्तों की टोली बुलाती है।
बिल्कुल सच लिखा है, अब एक कृष्ण को आना होगा और इस धरती पर हो रहे अत्याचारों से बचाना होगा जहाँ हर चेहरा कंस सा दिखने लगा है.
बड़ी ही सुन्दर भक्तिमयी कविता।
पुष्प ये राधा,गूँथ-गूँथ फूलों की माला सजाती है।
कान्हा,जब तेरी याद आती है
बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति.आपकी आवाज़ में प्रस्तुति की विशेषता और भी बढ़ गयी.आपको कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें.
आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें
भक्ति रस में डूबी हुई सुन्दर रचना ...जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ
sundar prastuti.....jay shreekrishna
भक्ति रस से ओत-प्रोत रचना…………आप को कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनायें
Bahut sundar rachana!
Aapko bhee anek shubh kamnayen!
janmasthami ki vadayi ..bahut sunder ,bhav se oot prot rachna
बहुत सुंदर, भक्ति भाव लिए रचना .... ....जन्माष्टमी के पावन पर्व की शुभकामनायें
बहुत ही सुंदर भक्तिरस मैं डूबी सुंन्दर चित्रों से सजी बहुत ही शानदार रचना /बधाई आपको /
आप ब्लोगर्स मीट वीकली (५) के मंच पर आयें /और अपने विचारों से हमें अवगत कराएं /आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें यही कामना है /प्रत्येक सोमवार को होने वाले
ब्लोगर्स मीट वीकली मैं आप सादर आमंत्रित हैं /आभार /
बहुत बढ़िया भक्ति रस से संचित रचना |
भक्ति भाव से ओत-प्रोत सुन्दरअभिव्यक्ति....
नमस्कार जी,
ये कविता बहुत पसंद आयी है,
jai shree krishna...
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