मै वही हूँ,मै वही हूँ।
बागों में फूलों की खुशबू,
नदियों का बहता कल-कल जल!
सत्य से जहान है जो रुबरु,
मै हूँ शाश्वत,अमर्त्य हर क्षण,हर पल!
नभ में हूँ इक तारा मै प्यारा,
जहान में हूँ सबको मै दुलारा!
मै वही हूँ,मै वही हूँ।
संवेदनाओं में भावों का वाहक,
विचारों को करता हूँ सार्थक,
नैनों में हूँ अश्रु-जल,
गलता हूँ मोम बन हर क्षण,हर पल!
पावँ में झंकृत घुँघरु हूँ मै,
जंगल में खडा़ वट-वृक्ष तरु हूँ मै,
मै वही हूँ,मै वही हूँ।
राहों में हूँ,मँजिल में हूँ,
स्नेह और प्रेम के दिल में हूँ,
संगीत की धुन का हूँ स्वर,
तेजस्वी ताप निर्मित अनल!
इक वरदान विधाता का मै,
चारों वेदों का ज्ञाता मै!
मै वही हूँ,मै वही हूँ।
चौदह वर्षो का वनवासी,
गोकुल,मथुरा का मै वासी!
मै ही हूँ त्रेता का राम,
मै ही हूँ द्वापर का श्याम!
हर युग का संचालक ईश्वर,
नारायण हूँ,मै ना हूँ नर!
मै वही हूँ,मै वही हूँ।
हर्ष,आमोद,उल्लास हूँ मै,
प्राणि-जगत में बसा साँस हूँ मै!
शांति हूँ,उन्नति हूँ,
मै ही जगत और जगति हूँ!
भाग्य हूँ मै,आकर्षण हूँ,
इक प्रफुल्लित,आनंदित मंजु वन हूँ!
मै वही हूँ,मै वही हूँ।
इक झील के किनारे,दो हँस है कितने न्यारे,
इक बाग में विचरते,दो मयूर है कितने प्यारे!
इक मै हूँ,इक तू है,
मै वही हूँ,तू कौन है?
मै वही हूँ,मै वही हूँ।
13 comments:
वाह ...बेहतरीन प्रस्तुति ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...भक्ति रस में डूबी हुई सुन्दर रचना
bahut gahare bhavon ko liye daarshnik kavita. itani gaharai men jakar sab kuchh mil jata hai.
bahut sundar rachna Satyam Shiam Saahab.. aapne bahut acchhe shabd prayog karte huye bade pusht bhaav ubhare hain.. Badhai..
dhanyawaad aapka, aap humare blog par aaye, haundala badhaya aur vishesh aabhar mere blog par apni tasweer sthapit karne ke liye.. aapki ummeedon par khara utarane ki koshish karoonga.. bahut-bahut dhanyawaad.
बेहतरीन प्रस्तुती....
मैं हूँ एकल, मैं हूँ सकल।
मैं वही हूँ, वही हूँ, वही हूँ, वही.
बेहतरीन प्रस्तुति...
आन्तरिक भावों के सहज प्रवाहमय सुन्दर रचना....
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
बहुत सुन्दर रचना , खूबसूरत प्रस्तुति .
स्वतन्त्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें
खूबसूरत प्रस्तुति ....
स्वतन्त्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ
जय हिंद जय भारत
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खूबसूरत भावों की सुन्दर भावाव्यक्ति।
नभ में हूँ इक तारा मै प्यारा,जहान में हूँ सबको मै दुलारा!मै वही हूँ,मै वही हूँ।
सुन्दर मनमोहक प्रस्तुति. बधाई सत्यम जी
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